26/11 के शहीदों को शत शत नमन आज पढिये हमारे पेज पर क्या हुआ था मुंबई हमले की आज...

26/11 के शहीदों को शत शत नमन

आज पढिये हमारे पेज पर क्या हुआ था

मुंबई हमले की आज

छठी वर्षगांठ है। आज

भी मुंबई हमले की याद

लोगों के दिलों-दिमाग

पर छाई है। 26 नवंबर

2008 की काली रात

पूरी मुंबई

आतंकवादियों की बंधक बन

गई थी। लगभग दो दर्जन

आतंकवादियों ने देश के

खिलाफ युद्ध जैसा माहौल

बना दिया। हमले में अजमल

कसाब सहित 10

आतंकवादी शामिल थे।

सभी की उम्र 20 से 25

साल के बीच थी।

कोलाबा, मुंबई से घुसे

आतंकवादी

खुद को डेक्कन

मुजाहिद्दीन का कहने

वाले ये

आतंकवादी कोलाबा मुंबई

में घुसे। कोलाबा के

कोलीवाड़ा इलाके में एक

बोट से कुल छह लोग आए।

चार लोग बोट से नीचे

उतरे। जबकि दो लोग बोट

वापस लेकर चले गए।

चारों के हाथों में बैग थे।

जो कि भारी लग रहे थे। ये

सिर्फ छह लोग

ही नहीं थे। यहां पर

पुलिस को चार बोट

मिली, जिसमें

भारी मात्रा में

विस्फोटक था।

आतंकवादियों को समुद्र में

एक शिप के जरिए अलग-

अलग नावों में

उतारा गया।

कहा जा रहा है कि ये

शिप कराची से

आतंकवादियों को लेकर

भारत आया। शिप से

आतंकवादी अलग-अलग

नावों में बैठकर

भारी मात्रा में

विस्फोटक, एके 47, ग्रेनेड

और दूसरे हथियार लेकर

कोलाबा पहुंचे।

कोलाबा में

आतंकवादी पांच टीमों में

बंट गए। एक टीम

कोलाबा के ताज होटल

निकल गई। दूसरी टीम

ओबेरॉय होटल।

तीसरी टीम

पहुंची सीएसटी स्टेशन,

चौथी मझगांव और

पांचवीं विले पार्ले

की तरफ।

साढ़े नौ बजे शुरू हुआ मौत

का खेल

रात के तकरीबन साढ़े

नौ बजे थे। कोलाबा इलाके

में आतंकवादियों ने पुलिस

की दो गाड़ियों पर

कब्जा किया। इन लोगों ने

पुलिस वालों पर

गोलियां नहीं चलाईं।

सिर्फ बंदूक की नोंक पर

उन्हें उतार कर

गाड़ियों को लूट लिया।

यहां से एक

गाड़ी कामा हा़स्पिटल

की तरफ निकल गई

जबकि दूसरी गाड़ी दूसरी

तरफ चली गई। रात के

लगभग 9 बजकर 45 मिनट

हुए थे। तकरीबन 6

आतंकवादियों का एक गुट

ताज की तरफ

बढ़ा जा रहा था। उनके

रास्ते में आया लियोपार्ड

कैफे। यहां भीड़-भाड़ थी।

भारी संख्या में

विदेशी भी मौजूद थे।

हमलावरों ने अचानक एके

47 लोगों पर तान दी।

देखते ही देखते लियोपार्ड

कैफे के सामने खून

की होली खेली जाने लगी।

बंदूकों की तड़तड़ाहट से

पूरा इलाका गूंज उठा।

लेकिन

आतंकवादियों का लक्ष्य

यह कैफे नहीं था।

यहां गोली चलाते, ग्रेनेड

फेंकते हुए आतंकी ताज

होटल की तरफ चल दिए।

ताज होटल बना सबसे

बड़ा निशाना

ताज होटल में घुस कर

आतंकवादियों ने

गोलीबारी शुरू कर दी। 9

बजकर 55 मिनट हो चुके

थे। ताज से महज

दो किलोमीटर दूर

आतंकवादियों के दूसरे गुट

ने कार्रवाई शुरू की।

हमलावर सीएसटी स्टेशन

यानी विक्टोरिया

टर्मिनल के एक प्लेटफॉर्म

पर पहुंच चुके थे।

आतंकवादियों की संख्या

तीन से ज्यादा थी। इन

लोगों ने प्लेटफॉर्म पर

अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर

दी। आतंकियों ने हैंड ग्रेनेड

भी फेंके। आधे घंटे तक मौत

का खेल चलता रहा। इसके

बाद यहां मौजूद

आतंकियों में से कुछ

आतंकी जीटी अस्पताल

पहुंच गए। वहां भी इन

लोगों ने एके 47 का जी भर

कर इस्तेमाल किया। बस

पांच मिनट बाद ही रात

के दस बजे सीएसटी स्टेशन

से लगभग पांच किलोमीटर

दूर मझगांव में धमाका हुआ।

यहां एक टैक्सी के परखच्चे

उड़ गए थे। टैक्सी में बम

रखा था।

ताज के बाद ओबेरॉय

होटल पर कब्जा

रात के तकरीबन 10

बजकर 15 मिनट हो चुके

थे। आतंकियों का वो ग्रुप

जो होटल ओबेरॉय के लिए

निकला था वो हरकत में आ

गया। वो लोग तेजी से

गोलीबारी करते हुए

होटल के अंदर घुस गए। ये

लोग 13 वीं मंजिल पर

पहुंच गए। वहां इन

लोगों ने कई

लोगों को बंधक

बना लिया। इस काम में

उन्हें तकरीबन एक घंटे लग

गए। तकरीबन 11 बजे तक

वो लोग होटल में

अपनी पोजीशन ले चुके थे।

इस वक्त इन लोगों ने एक

परिवार को भी बंधक

बना लिया। तकरीबन 10

बजकर 25 मिनट पर

पुलिस की गाड़ियों में

मौजूद आतंकवादियों ने

कामा अस्पताल में घुसने

की कोशिश की। लेकिन

इन्हें

कामयाबी नहीं मिली।

इसके बाद ये लोग अंधाधुंध

गोलीबारी करते हुए अंदर

की तरफ चले गए। कई

लोगों को गोलियां लगीं।

सड़कों पर दौड़ी मौत

रात साढ़े दस बज चुके थे।

तभी कोलाबा से तकरीबन

20 किलोमीटर

की दूरी पर विले पार्ले में

टैक्सी में विस्फोट हुआ।

इसमें दो की मौत हो गई।

अब रात के 10 बजकर 45

मिनट हो चुके थे।

कामा हॉस्पिटल में अंदर

घुसे आतंकवादी अब बाहर

निकल गए। तेजी से

गाड़ी से फायरिंग करते

हुए वो लोग मेट्रो स्टेशन

की तरफ चले गए।

मेट्रो स्टेशन पर भी इन

लोगों ने गोलीबारी की।

वहां से तेजी से

गाड़ी भगाते हुए ये लोग

गिरगांव

चौपाटी की तरफ चले गए।

जहां दोनों आतंकियों को

पुलिस ने मार गिराया।

कातिलों को मिली मौत

रात के 11 बजे के करीब

ताज के गुंबद तक

आतंकी अपनी पहुंच

बना चुके थे। इस

पूरी आतंकी कार्रवाई के

दौरान इन लोगों ने हैंड

ग्रेनेड से सात विस्फोट

किए। गुंबद में ग्रेनेड हमले

से आग लग गई। तकरीबन

12 बजे ही कुछ

आतंकवादियों ने ऑबेरॉय

होटल के पीछे नरीमन

भवन पर एक परिवार

को बंधक बना लिया। ताज

होटल, ओबेरॉय होटल,

नरीमन भवन में

दर्जनों लोगों की जानें

उनके रहमोकरम पर

हो गई। इनसे निपटने के

लिए सुरक्षा बल,

एनएसजी, एटीएस, मुंबई

पुलिस के जवान

चारों तरफ फैल गए।

ऑपरेशन शुरू हो गया।

शुक्रवार रात साढ़े

नौ बजे तक होटल ताज,

ओबेरॉय होटल, नरीमन

भवन को आतंकियों के कब्जे

से मुक्त करा लिया गया।

ओबरॉय होटल से 50

ग्रेनेड मिले। इस हमले में

164 लोग मारे गए

जबकि करीब 370 लोग

घायल हुए। इसमें 8

विदेशी मारे गए और 22

घायल हुए। ऑपरेशन में 15

पुलिस अफसर-

कर्मचारी और

दो एनएसजी कमांडो भी

शहीद हुए।









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