पैर की मोच और छोटी सोच, हमें आगे बढ़ने नहीं देती । टूटी कलम और औरो से जलन, खुद...

पैर की मोच

और

छोटी सोच,

हमें आगे

बढ़ने नहीं देती ।



टूटी कलम

और

औरो से जलन,

खुद का भाग्य

लिखने नहीं देती ।



काम का आलस

और

पैसो का लालच,

हमें महान

बनने नहीं देता ।



अपना मजहब उंचा

और

गैरो का ओछा,

ये सोच हमें इन्सान

बनने नहीं देती ।



दुनिया में सब चीज

मिल जाती है,....

केवल अपनी गलती

नहीं मिलती.....



भगवान से वरदान माँगा

कि दुश्मनों से

पीछा छुड़वा दो,

अचानक दोस्त

कम हो गए...

" जितनी भीड़ ,

बढ़ रही

ज़माने में..।

लोग उतनें ही,

अकेले होते

जा रहे हैं...।।।



इस दुनिया के

लोग भी कितने

अजीब है ना ;

सारे खिलौने

छोड़ कर

जज़बातों से

खेलते हैं...



किनारे पर तैरने वाली

लाश को देखकर

ये समझ आया...

बोझ शरीर का नही

साँसों का था....



दोस्तो के साथ

जीने का इक मौका

दे दे ऐ खुदा...

तेरे साथ तो

हम मरने के बाद

भी रह लेंगे....

“तारीख हज़ार

साल में बस इतनी

सी बदली है…

तब दौर

पत्थर का था

अब लोग

पत्थर के हैं..."

हम वक्त और

हालात के

साथ 'शौक'

बदलते हैं,,

दोस्त नही .. (y) (y)



ek like (y) meri dosti ke khatir (y) (y)



Rahul



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